Sunday, 19 August 2012


परमाणु ऊर्जा से बिजली बनाने एवं परमाणु बिजलीघरों के प्रति बहुत सी मिथ्या घारणायें हैं : डा. नीलम गोयल

18 अगस्त | अपने परमाणु उर्जा जागरूकता अभियान के तहत भारत की परमाणु सहेली डा. नीलम गोयल द्वारा आयोजित परमाणु उर्जा जागृति महोत्सब के लिए स्कुल के बच्चों को आमंत्रण के साथ -साथ परमाणु उर्जा के बारे में बिस्तार से जानकारी दी गयी| कार्यक्रम को संबोधित करते हए भारत की परमाणु सहेली डा. नीलम गोयल ने कहा कि आज किसी क्षेत्र की कल्पना बिना विद्युत के नही की जा सकती है ओर उर्जा के श्रोत सीमित है हमारे यहा शने-शने कोयला खत्म हो रहा है पेट्रोल खत्म हो रहा है पानी व हवा से हम एक सीमित स्तर तक की बिजली बना सकते है तथा सूर्य से हम व्यापारिक स्तर की बिजली नहीं बना सकते और मांग व पूर्ति के बीच की खाई दिन पर दिन बढती जा रही है ओर उन्होने कहा कि हमारे देश में परमाणु ईंधन के रुप में थेरियम पूरे विश्व का एक तिहाई हिस्सा भारत में है इसके साथ ही परमाणु उर्जा हर लिहाज से साफ एवं स्वच्छ है इसके साथ ही आज पूरे विश्व में 14500 रिएक्टर वर्ष हो चुके है एक भी आदमी जनरल पब्लिक से हताहत नहीं हुआ है इसके साथ ही भारत में 360 रिएक्टर वर्ष हो चुके है ओर एक भी व्यक्ति जनरल पब्लिक से हताहत नहीे हुआ है आज लोगों में रेडिएशन को लेकर भी गलत फहमी है जबकि हम नहीं जानते कि हमें प्रकृति से 200 गुना रंडिएशन मिलता है जिसमें हमारे खाने पिने रहने मोबाइल एरोप्लेन से हमें रेडिएशन मिलता है इसके साथ ही एक्स रे सीटी स्केन एम आर आई से हमें 20000 गुना रेडएशन डोज मिलती है फिर भी उसके बारे में नहीं सोचते क्याकि उसके बिना तो हम रह नही सकते जबकि यह स्पष्ट है कि जब हम इतनी मात्रा में मिलने बाले रेडिएशन से स्वस्थ  है तो नगन्य मात्रा में मिलने बाले विकिरण से कैसे हमें खतरा हो सकता है मेरी सभी से एक अपील है कि हमें जब विषय संबंधि कोई जानकारी नही होती है तो हम गलत धारणा तो लोगों में नहीं पहुचाए।
कार्यक्रम में भारी तादाद में स्कूली छात्र – छात्राएं मौजूद थे | डा नीलम गोयल ने अपने संबोधन में छात्र छात्राओं से परमाणु उर्जा के लिए जागरूकता लाने की अपील करते हुए कहा कि भारत देश, साफ व सुरक्षित तरीके से परमाणु ऊर्जा के उपयोग से विद्युत के उत्पादन में न केवल विश्व स्तर की हर लिहाज से क्षमता रखता है, अपितु, फॅास्टब्रीडर रियेक्टर्स में यह पूरे विश्व को लीड करने जा रहा है। उन्हने कहा कि परमाणु ऊर्जा से विद्युत बनाना न केवल स्वास्थ्य की दृष्टि से ही सर्वोत्तम है, अपितु किसी भी प्रकार की शीर्षतम् की आपातकालीन परिस्थिति में भी हमारे ये परमाणु बिजली घर किसी भी प्रकार से जन एवं माल हानि का तथा संबंन्धित क्षेत्र के समूचे प्राणीजगत के लिये खतरे का कारण नहीं बन सकते हैं। लेकिन हमारे देश में आम से लेकर सभी बुद्विजीवियों में परमाणु ऊर्जा से बिजली बनाने एवं परमाणु बिजलीघरों के प्रति बहुत सी मिथ्या घारणायें हैं । उन्हने कहा कि भारत चूँकि एक प्रजातंत्र देश है तो परमाणु ऊर्जा से विद्युत के उत्पादन के रास्ते में भले ही भारत हर तरह की एक्पर्टनेस रखता हो, तो भी आम व क्षेत्रिय जनता का पूर्ण सहयोग न मिल पाने की वजह से समस्यायें आयेंगी।

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