हिसार। परमाणु ऊर्जा विकास जागरूकता संस्थान की अध्यक्ष और भारत की परमाणु सहेली डा. नीलम गोयल ने कहा कि परमाणु संयंत्र स्थापित होने से बिजली की कमी दूर होगी। लोग आर्थिक रुप से मजबूत होंगे और किसान खेतों में दस गुना ज्यादा फसल पैदा कर सकता है। वह शनिवार को अग्रसेन भवन में पत्रकारों को संबोधित कर रही थी। उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने बिजली उत्पादन के विभिन्न स्तोत्रों की उपलब्धताओं, उनकी अपनी सीमाओं और महत्व को मद्देनजर रखते हुए भारत के सभी क्षेत्रों के परिवारों को बिजली मुहैया कराने हेतु और देश के समग्र विकास हेतु 2050 तक पांच हजार यूनिट प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष बिजली के उत्पादन की योजना बनाई है। इसमें दो हजार यूनिट अकेले परमाणु संयंत्र से बिजली मिल सकेगी। उन्होंने कहा कि यदि भारत में आज पांच हजार यूनिट प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष बिजली का उत्पादन हो रहा होता तो हमारे देश में प्रति व्यक्ति सालाना औसतन आय 53 हजार की जगह चार से नब्बे लाख रुपये के बराबर होती। गोयल ने बताया कि आज ऊर्जा क्षमता सालाना 724 यूनिट है जिसमें से 378 यूनिट कोयले से, 35 यूनिट नाभिकीय, हाईड्रो से 154 यूनिट, हाईड्रो कार्बन से 77 यूनिट, वायु से 42 यूनिट और अन्य से 28 यूनिट का योगदान है।
उन्होंने हिसार, जींद, सिरसा, फतेहाबाद, अग्रोहा और गोरखपुर वासियों से आह्वान किया कि अपने विकास के लिए विरोध का अवरोध मत बनिए। परमाणु बिजली घर से यहां के लोगों को काफी लाभ मिलेगी। डा. नीलम गोयल ने बताया कि भारत में तीस हजार मेगावाट के परमाणु बिजली प्रोजेक्ट विरोध के कारण मृत पडे़ हैं। डा. गोयल ने बतया कि 21 और 22 अगस्त को हिसार के महाराजा अग्रसेन भवन में परमाणु ऊर्जा जागृति महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इस मौके पर कठपुतली का खेल, हरियाणवी नृत्य एवं वीडियो फिल्म दिखाई जाएंगी। इस दौरान भारत में परमाणु ऊर्जा बिजली की आवश्यकताओं और बिजली उत्पादन की आवश्यकताओं के बारे में जानकारी भी दी जाएगी।
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